फौज में मौज है; हजार रूपये रोज है; थोड़ा सा गम है; इसके लिए भी रम है; ज़िंदगी थोड़ी रिस्की है; इसके लिए तो व्हिस्की है; खानें के बाद फ्रुट है; मरनें के बाद सैलूट है; पहनने के लिए ड्रैस है; ड्रैस में जरूरी प्रेस है; सुवह-सुबह पी.टी है; वॉर्निग के लिए सीटी है; चलने के लिए रूट है; पहनने के लिए D.M.S बूट है; खाने के लिए रिफ्रैशमेंन्ट है; गलती करो तो पनिशमेंट है; जीते-जी टेंशन है; मरने के बाद पेंशन है। : कहते हैं फौजी आधे पागल होते हैं. .सही कहते हैं..पागल होना भी चाहिये.. वर्ना किसमें इतना दम होगा जो -60° के ग्लेसियर में..और +55° के रेगिस्तान में दुश्मन के आगे सीना चौड़ा करके खड़ा हो जाएगा.. — ये हर किसी के बस की बात नही! 💐💐💐💐💐 *# INDIAN ARMY#* जमीन की कीमत और *फौज की हिम्मत* कभी कम नहीं हो ...सकती दिल तो आशिक तोडते है साहब....... हम तो सरहद के रखवाले हैं... Record तोडते हैं अंजाम की फिक्र तो कायरों को होती है, हम तो *_ARMY_*वाले है, 👈 जहाँ *_Risk_* होती है, वहाँ हमारी *_Entry Fix_* होती है.... 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 जय जवान जय किसान
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Is kavita ko sabhi groups me send karen please..... ☝एक बार इस कविता को 💘दिल से पढ़िये 😋शब्द शब्द में गहराई है... ⛺जब आंख खुली तो अम्मा की ⛺गोदी का एक सहारा था ⛺उसका नन्हा सा आंचल मुझको ⛺भूमण्डल से प्यारा था 🌹उसके चेहरे की झलक देख 🌹चेहरा फूलों सा खिलता था 🌹उसके स्तन की एक बूंद से 🌹मुझको जीवन मिलता था 👄हाथों से बालों को नोंचा 👄पैरों से खूब प्रहार किया 👄फिर भी उस मां ने पुचकारा 👄हमको जी भर के प्यार किया 🌹मैं उसका राजा बेटा था 🌹वो आंख का तारा कहती थी 🌹मैं बनूं बुढापे में उसका 🌹बस एक सहारा कहती थी 🌂उंगली को पकड. चलाया था 🌂पढने विद्यालय भेजा था 🌂मेरी नादानी को भी निज 🌂अन्तर में सदा सहेजा था 🌹मेरे सारे प्रश्नों का वो 🌹फौरन जवाब बन जाती थी 🌹मेरी राहों के कांटे चुन 🌹वो खुद गुलाब बन जाती थी 👓मैं बडा हुआ तो कॉलेज से 👓इक रोग प्यार का ले आया 👓जिस दिल में मां की मूरत थी 👓वो रामकली को दे आया 🌹शादी की पति से बाप बना 🌹अपने रिश्तों में झूल गया 🌹अब करवाचौथ मनाता हूं 🌹मां की ममता को भूल गया ☝हम भूल गये उसकी ममता ☝मेरे
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💐🌸💮🌺🌱🌷🌼🌻🌱🌲🌲💐🌸💮🌺🌺💮💐💐🌷🌼🌻🌱🌲🌳🌷💐💮🌹🌺 *कितने ❝ दूर ❞ निकल गए,* *रिश्तो को निभाते निभाते..* *खुद को ❝ खो ❞ दिया हमने,* *अपनों को पाते पाते..* *लोग कहते है हम ❝ मुस्कुराते ❞ बहोत है,* *और हम थक गए ❝ दर्द ❞ छुपाते छुपाते..* *खुश हूँ और सबको ❝ खुश ❞ रखता हूँ,* *लापरवाह हूँ फिर भी सबकी ❝ परवाह ❞ करता हूँ..* *मालूम है कोई मोल नहीं मेरा,* *फिर भी...,* *कुछ ❝ अनमोल ❞ लोगो से ❝ रिश्ता ❞ रखता हूँ !!* 🌾🍁Good Morning!!🌾🍁 🌾🍁Have a Nice Day!!🌾🍁 👌 *बहुत ही सुन्दर मैसेज* 👌 💐🌸💮🌺🌹🌷🌻🌷🌲🌳💐💮🌹🌺 👉 *जहाँ सूर्य की किरण हो* .. *वहीँ प्रकाश होता है*.. *जहाँ भगवान के दर्शन हो*.. *वहीँ भव पार होता है*.. *जहाँ संतो की वाणी हो*... *वहीँ उद्धार होता है*... *और*... *जहाँ प्रेम की भाषा हो*.. *वहीँ परिवार होता है*... 🙏 *🌹नमस्कार🌹* 🙏 🌷Good Morning 🌷 👌👌👌👌 *क्या खूब कहा है*👌👌👌👌 💐🌹🌺🌳🌱🌷🌻🌷🌲🌳🌸🌸🌸🌺 इंसान घर बदलता है ,,लिबास बदलता है ,, रिस
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✍ *"मंनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो* *परंतु* *उसकी परछाई सदैव काली होती है...!!* *"मैं श्रेष्ठ हूँ" यह आत्मविश्वास है* *लेकिन* *"सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूँ" यह अहंकार है..."* *"इच्छा पूरी नहीं होती तो क्रोध बढ़ता है, और इच्छा पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है। इसलिये जीवन की हर स्थिति में धैर्य बनाये रखना ही श्रेष्ठता है |* *🌴 ❤❤🌴 . 🌺🍂💐🌻 *भाग्यशाली* *वे नही होते जिन्हें* *सब कुछ अच्छा* *मिलता है* *बल्कि वे होते हैं* *जिन्हें जो मिलता है,* *उसे वो अच्छा* *बना लेते हैं |* 😊😊😊 *चलने वाले पैरों में कितना फर्क होता है एक आगे तो एक पीछे लेकिन न तो आगे वाले को अभिमान होता है और न ही पीछे वाले का अपमान क्योंकि उन्हें पता होता है कि कुछ ही समय में यह स्थिति बदलने वाली है इसी को जीवन कहते हैं* *आपका दिन शुभ हो
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बड़ी मेहनत के बाद मैंने *hotel ki* नौकरी पायी है, नौकरी में आया तो जाना, यहाँ एक तरफ कुआँ तो दूसरी तरफ खाई है। *जहाँ कदम कदम पर ज़ि ल्लत, और घड़ी घड़ी पर ताने हैं* यहाँ मुझे अपनी ज़िन्दगी के कई साल बिताने हैं। अपनी गलती ना हो लेकिन क्षमा याचना हेतु हाथ फैलाने हैं. फ़िर भी बात-बात पे चार्जशीट और Punishment ही पाने हैं. जानता हूँ ये 'अग्निपथ' है, फिर भी मैं चलने वाला हूँ, क्योंकि मैं *hotel ki* नौकरी वाला हूँ। जहाँ एक तरफ मुझे Management की, और दूसरी तरफ पब्लिक की भी सुननी है, यानी मुझे दो में से एक नहीं, बल्कि दोनों राह चुननी हैं। ड्यूटी अगर लेट हुयी तो manager और chef चिल्लाते हैं. गलती चाहे किसी भी की भी हो सजा तो हम ही पाते हैं. दो नावों पे सवार हूँ फिर भी सफ़र पूरा करने वाला हूँ, क्योंकि मैं *hotel ki* नौकरी वाला हूँ। आसान नहीं है सबको एक साथ खुश रख पाना, परिवार के साथ वक़्त बिताना, और *hotel*में job बचाना। परिवार के साथ बमुश्किल कुछ वक़्त ही बिता पाता हूँ, घर जैसे कोई मुसाफिर खाना हो, वहां तो बस आता और जाता हूँ। फिर भी हर मोड़ पर मैं अपन
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👌🏼आप भले ही करोड़ों की जायदाद के मालिक हो पर जब तक शाम को चार दोस्त आपका इंतजार न कर रहे हो आप गरीब हो। एक दोस्त ने क्या खूब लिखा है कि "मरने के बाद मुझे जल्दी ना जला देना मेरे दोस्तों को देर से आने की आदत है" ....! *दोस्ती* शब्द का अर्थ बड़ा ही मस्त होता है .., ( दो+हस्ती ) जब दो हस्ती मिलती हैं .., तब दोस्ती होती है ... ... *समुंदर* _ _ ना हो तो _ _*कश्ती* _ _ किस काम कीं ..._ *मजाक*_ _ना हो , तो _ _ *मस्ती* _ _ किस काम की ... _ *दोस्तों* _ _ के लिए तो कुर्बान है , ये _ _ *जिंदगी...* _ अगर _ _ *दोस्त* _ _ ही ना हो , तो फिर ये _ _ *जिंदगी* _ _ किस काम कीं ... 👌 चंद लाइने दोस्तों के नाम 👌:-* "क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं "दोस्त" "क्यूँ गम को बाँट लेते हैं "दोस्त" "न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है ! "फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं "दोस्त ।।।।। अच्छा लगे तो मुझे भी
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*हास्य कविता* 😀😀😀😀😀😀😀 अक्ल बाटने लगे विधाता, लंबी लगी कतारी । सभी आदमी खड़े हुए थे, कहीं नहीं थी नारी । सभी नारियाँ कहाँ रह गई, था ये अचरज भारी । पता चला ब्यूटी पार्लर में, पहुँच गई थी सारी। मेकअप की थी गहन प्रक्रिया, एक एक पर भारी । बैठी थीं कुछ इंतजार में, कब आएगी बारी । उधर विधाता ने पुरूषों में, अक्ल बाँट दी सारी । ब्यूटी पार्लर से फुर्सत पाकर, जब पहुँची सब नारी । बोर्ड लगा था स्टॉक ख़त्म है, नहीं अक्ल अब बाकी । रोने लगी सभी महिलाएं , नींद खुली ब्रह्मा की । पूछा कैसा शोर हो रहा है, ब्रह्मलोक के द्वारे ? पता चला कि स्टॉक अक्ल का पुरुष ले गए सारे । ब्रह्मा जी ने कहा देवियों , बहुत देर कर दी है । जितनी भी थी अक्ल वो मैंने, पुरुषों में भर दी है । लगी चीखने महिलाये , ये कैसा न्याय तुम्हारा? कुछ भी करो हमें तो चाहिए, आधा भाग हमारा । पुरुषो में शारीरिक ब